मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर (sihor) में रहने वाले प्रगतिशील किसान राजेश पाटीदार (Rajesh Patidar) ने खेती का अनोखा मॉडल अपनाया है। राजेश (rajesh patidar) ने पारंपरिक खेती छोड़कर सतावर(Satawar) की खेती शुरू की और आज इससे लाखों की कमाई कर रहे हैं… सतावर(Satawar) को शतावरी (Shatavari) भी बोला जाता है। सतावर(Satawar), जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर महिलाओं की सेहत तक के लिए होता है…सतावर एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जिसकी जड़ें और पत्तियां आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग होती हैं। 18 महीने में सतावर(Satawar) की फसल तैयार होती है और खास बात ये कि एक बार लगाने के बाद, सतावर (Satawar) का पौधा 10-12 साल तक उत्पादन देता है।राजेश का कहना है कि "पारंपरिक खेती में लागत ज्यादा और मुनाफा कम हो रहा तो कुछ नया सोचना जरूरी था।"आज इनका ये प्रयोग आसपास के किसानों के लिए मिसाल बन गया है। <br /> <br />#satwar#sataberplant#sataver#shatavariroot#shatavaritree #shatavariplant #shatavarikaped #shatavarikijad #shatavariseeds #shatavarikalpa #shatavarchurna #medicinalplantsathome #medicinalplant #wildmedicinalplant<br /><br />~HT.410~CO.360~ED.276~GR.124~